प्यार एक अद्वितीय अहसास है, जो हर किसी के नसीब में नहीं होता। यह वो जादू है जो हमारे दिल को छू जाता है, जिसकी तलाश में हम सब रंग बदल देते हैं।
एक शानदार शाम थी, जब मैं बस स्टॉप के पास अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था। हमने घूमने का प्लान बनाया था और मैं उसके आने का इंतजार कर रहा था।
कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। मैं बस स्टॉप की सीट पर जाकर बैठ गया, तभी कुछ ऐसा हुआ कि मेरी जिन्दगी एक अलग मोड़ लेने वाली थी।
मैं स्टेशन के पास बैठा था, और मेरा मन बेचैन था। मैं नहीं जानता था कि मुझे क्या करना चाहिए। तभी, मेरी नजर एक लड़की पर पड़ी।
वो लड़की इतनी सुंदर थी कि मेरा दिल थम गया। मैं उसे देखता ही रह गया। उसका मासूम चेहरा, उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, और उसकी प्यारी सी मुस्कान, सब कुछ मेरे दिल को अंदर तक घायल कर गया था।
उसकी आँखों की चमक ने मुझे बेहला दिया, और मैं समझ नहीं पा रहा था कि कैसे मैं उसके पास जाऊं और उससे मिलूं।
मैंने पहली बार किसी लड़की के लिए ऐसा महसूस किया था।
क्या यही प्यार है?
मैंने उस लड़की को देखकर महसूस किया कि मेरा दिल एक अजीब तरह की उथल-पुथल कर रहा है। मैं उससे बात करना चाहता था, उसे जानना चाहता था कि उसका नाम क्या है, और वो कहाँ से है। लेकिन मैं हिम्मत नहीं कर पाया।
मैंने बस भगवान से प्रार्थना की कि मुझे ये लड़की मेरी जिन्दगी में मिले। मैं उसे खोना नहीं चाहता था।
वो लड़की मेरे सामने से गुज़र रही थी, और मैं उसे रोकना चाहता था। लेकिन मैं नहीं कर पाया।
आगे निकलने के बाद भी में उसे रोकना चाहता था, लेकिन कैसे?

यही सवाल बार-बार मेरे मन में आ रहा था और मुझे बेचैन किये जा रहा था।
मैंने फिर सोचा कि मेरी आंखों से दूर होने से पहले मुझे इसका नाम पता चल जाये, तो मैं इसे अपना बनालूँगा, मेरा दिल कह रहा था की उससे एक बार मुलाकात हो जाये । तभी भगवान ने चमत्कार कर दिया, पीछे से आवाज
आई, “क्या आप वापस घर जा रहे हैं?”
मैंने पीछे मुड़कर देखा, मेरा दिल धक् सा रह गया ! में यकीं नहीं कर पा रहा था ये आवाज उसी लड़की की थी और वो मेरे पीछे खड़ी थी, रिया।
उसका नाम रिया था, और उसने बताया वह मेरे बगीचे की माली की बेटी थी।
मैंने कहा, “हाँ, मैं घर जा रहा हूँ। क्या आप मुझे पहचानती हैं और मेरे घर जा रही हैं?”
रिया ने हँसते हुए कहा, “हाँ, मैं आपके माली की बेटी हूँ बहुत दिनों बाद घर लौट रही हूँ मेने आपको बहुत बार बगीचे में खेलते हुए देखा है लकिन कभी आपसे बात नहीं हुई।
ये बात सुनकर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा और मन ही मन भगवान् को धन्यवाद कहा।
तभी रिया की आवाज दोबारा मेरे कानो में पड़ी: आपका नाम क्या है?”
मैंने उसको अपना नाम बताया, और हमने बात करना शुरू किया।
रिया के साथ बात करते-करते, मैंने उसे बताया कि मुझे उसको पहली बार देखते ही प्यार हो गया, और वह हँसते हुए बोली, “क्या वाकई? ऐसा कहकर वो थोड़ा शर्मा गयी और मुँह निचे करके चलने लगी।
वह वक्त अब बदल गया था, हम एक दुसरे को जान चुके थे।
मैंने रिया को अपनी दिल की बात बताई, और वह खुश हो गई कि मैं उससे प्यार करता हूँ ।
हमने साथ में वक्त बिताना शुरू किया, हमने एक-दूसरे के साथ बिताये हुए हर पल को यादगार बनाया, और इस प्यार की एक नई शुरुआत की तैयारी की।
इसके बाद हमने अपने माता पिता से बात की पहले तो मेरे माता पिता ने इंकार कर दिया क्युकी वह घर के माली के बेटी थी।
बहुत बार इस बात को लेकर नाराज़गी रही लकिन मेने किसी तरह अपने माता पिता को समझाया की वह जरूर उनके माली की बेटी है लकिन वो पढ़ी लिखी लड़की है और जॉब करती है और बहुत समझदार भी है।
बहुत दिनों के बाद हमारे माता पिता आखिर मान गए और हमने शादी करके अपना नया जीवन शुरू कर दिया।
प्यार कभी भी और कहीं भी हो सकता है, और अगर हम सच्चे दिल से किसी से प्यार करते हैं, तो भगवान हमें वो खुशियाँ जरूर देते हैं, जो हमें चाहिए। “Vo Ek Pal Aur Pyaar Ho Gaya” एक छोटे शहर की कहानी है।
लेकिन ये बात भी जरूर याद रखनी चाहिए की हमे माता पिता को हमेशा साथ लेकर चलना चाहिए और जल्दबाज़ी में गलत कदम न उठाकर अपने माता पिता को समझकर उनका साथ भी लेना चाहिए तभी आगे की जिंदगी प्यार और शांति से चलेगी “प्यार करने का एक और तरीका है, और यह वो तरीका है, जिसमें दिल से बात करो और अपनी भावनाओं को बयां करो।”