Delhi Police raids houses of journalists associated with Newsclick: दिल्ली पुलिस ने हाल ही में न्यूज़क्लिक समाचार वेबसाइट से जुड़े कई पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के घरों पर तलाशी ली। दिल्ली पुलिस की कार्यवाही से सरकार के खिलाफ काम करने वाले पत्रकारो में हड़कंप मच गया है और ऐसे लोग भारत सरकार पर आरोप लगा रहे हैं।
छापेमारी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में 30 से अधिक स्थानों पर की गई। पुलिस ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है।
छापेमारी क्यों हुई:
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मंगलवार को न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की। यह छापेमारी न्यूज पोर्टल के कथित चीनी लिंक के होने के संदेह में की गयी है।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने पत्रकारों के लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया है। पुलिस का कहना है कि यह जांच चीन से वित्तीय सहायता के आरोपों की जांच के लिए की जा रही है।
न्यूज़क्लिक पर चीन समर्थक प्रचार फैलाने के लिए वित्तीय समर्थन मिलने का आरोप
ईडी ने न्यूज़क्लिक के निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगी पत्रकारों के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार, जांच में एजेंसी को न्यूज़क्लिक के निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ, करोड़पति नेविल रॉय सिंघम और प्रकाश करात जैसे सीपीआई (एम) नेताओं के साथ विभिन्न पत्रकारों के बीच ईमेल आदान-प्रदान की एक श्रृंखला मिली। ईडी ने संकेत दिया कि चीन में रहने वाले नेविल रॉय सिंघम ने भारत में चीन समर्थक जानकारी फैलाने के लिए न्यूक्लिक को अवैध रूप से 38 करोड़ रुपये दिए।
न्यूज़क्लिक के निदेशक प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगी पत्रकारों पर सिंघम द्वारा पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए समय-समय पर धन के बदले में अपनी वेबसाइट पर पेड न्यूज़ लिखने और प्रकाशित करने का भी आरोप है।
यह मामला तब सामने आया है जब भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। न्यूज़क्लिक ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि यह एक निष्पक्ष और स्वतंत्र समाचार संगठन है। यह मामला अभी भी जांच के अधीन है।
छापेमारी के दौरान क्या हुआ
पुलिस की तलाशी के दौरान अधिकारियों ने इन व्यक्तियों के घरों में प्रवेश किया और उनसे उनके काम के बारे में पूछताछ की। उन्होंने उनके लैपटॉप, फोन और कंप्यूटर हार्ड ड्राइव भी ले गए।
आलोचकों का दोगलापन सामे आया | आलोचक क्या कहते हैं:

अरनब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर खुश होने वाले पत्रकार आज Newsclick के अभिशार शर्मा के घर फॉरेन फंडिंग जैसे गंभीर आरोपों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा रेड किये जाने पर पत्रकारों स्वतंत्रता चीन जाने का आरोप लगा रहे हैं
लोगों को ऐसे पत्रकारों को पहचानना होगा जो देश के खिलाफ पैसा लेकर काम करते हैं ये पत्रकार देश विरूद्ध काम करने वाले लोगों का खुलकर सपोर्ट करते हैं और देश के लोगों के अंदर सरकार के सही काम के खिलाफ माहोल बनाकर जहर उगलते हैं
इन देश विरोधी लोगों के गुट ने सरकार पर आरोप लगाया गया है कि वह मानवाधिकार समूहों पर उनके वित्त की बारीकी से निगरानी करके और विदेशी धन को सीमित करके दबाव बनाने की कोशिश कर रही है।

सोशल मीडिया रिएक्शन
छापेमारी की न्यूज़ सोशल मीडिया पर भी छाई हुई है । दिल्ली पुलिस की छापेमारी की न्यूज़ ट्रेंड कर रही है और Twiter Hashtag #दलाल पत्रकार ट्रेंड कर रहा है। सोशल मीडिया पर दलाल पत्रकारों द्वारा विरोध के जवाब में लोग उनको उनके ही कमैंट्स ट्वीट करके पोल खोल रहे हैं और उनके दोगलेपैन को दिखा रहे हैं
मीडिया ख़बरों के अनुसार छापेमारी में “Newclick” संस्थापक संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, पत्रकार औनिंद्यो चक्रवर्ती, भाषा सिंह और परंजॉय गुहा ठाकुरता, व्यंगकार संजय राजौरा और कार्यकर्ता तीस्ता सेटलवाड़ सहित कई व्यक्तियों को चिन्हित करके छापेमारी की गयी है।
कानूनी कार्रवाई:
विदेशी धन के आरोपों के जवाब में, दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) नामक एक सख्त आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया। उन्होंने नई दिल्ली में न्यूज़क्लिक कार्यालय की भी तलाशी ली।
क्या जब्त किया गया:
हालांकि छापेमारी के परिणामस्वरूप लैपटॉप और मोबाइल फोन डेटा जब्त कर लिया गया, लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। Newsclick से जुड़े पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर छापेमारी ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की स्थिति और विदेशी धन प्राप्त करने के संदेह वाले मीडिया संगठनों की निगरानी में सरकार की भूमिका के बारे में बहस छेड़ दी है।