सिक्किम में एक बादल फटने और चुंगथांग बांध से पानी छोड़ने से आई बाढ़ में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 102 लोग लापता हो गए। लापता लोगों में 22 सेना के जवान भी शामिल हैं।
सीएम प्रेम सिंह तमांग ने बताया कि करीब 20,000 लोग भी इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि 23 लापता सेना के जवानों में से एक को बाद में बचा लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी लापता सेना के जवानों के सकुशल लौटने की प्रार्थना की।
सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में कहा कि इस प्राकृतिक आपदा को आपदा घोषित कर दिया गया है।

सिक्किम राज्य के लोग हाल ही में आई बाढ़ की त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। इस बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई और 102 लोग लापता हो गए, जिनमें 22 सेना के जवान भी शामिल हैं। यह बाढ़ बुधवार को उत्तर सिक्किम में लोनक झील के ऊपर बादल फटने से आई थी।
बाढ़ के पानी ने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा दिया, जिसमें घर, पुल और सड़कें भी शामिल हैं। हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और कई लोग अभी भी दूरदराज के इलाकों में फंसे हुए हैं। बाढ़ से बुनियादी ढांचे को भी व्यापक नुकसान हुआ है, जिसमें चुंगथांग बांध भी शामिल है, जो राज्य की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है।
सिक्किम सरकार और भारतीय सेना ने एक बड़ा बचाव और राहत अभियान शुरू किया है। हालांकि, चुनौतीपूर्ण भूगोल और लगातार हो रही बारिश प्रयासों में बाधा डाल रहे हैं।
इस त्रासदी के बावजूद, सिक्किम के लोगों ने उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। वे एक दूसरे की मदद करने और अपने जीवन को फिर से बनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। सरकार और सेना ने भी लोगों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सिक्किम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।
हालांकि, हाल ही में आई बाढ़ ने इसके पारिस्थितिकी तंत्र की नाजुकता को याद दिलाया है। राज्य सरकार को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और अपने बुनियादी ढांचे को प्राकृतिक आपदाओं के लिए अधिक लचीला बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।