लोजपा (रामविलास) के नेता और पूर्व सांसद अरुण कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खाने में दवा मिलाकर दे रहे हैं, जिससे उनकी मेमोरी लॉस हो गई है। अरुण कुमार ने कहा कि ललन सिंह लालू यादव को बचाने में और नीतीश कुमार को समाप्त करने में लगे हैं।
नितीश कुमार को दवा दे कर मारने की साजिश

अरुण कुमार ने कहा कि ललन सिंह नीतीश कुमार के खाने में और दवा में कुछ ऐसा देते हैं जिसके कारण नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस हो गई है और नीतीश कुमार जनता दरबार में खुद गृह मंत्री होकर गृह मंत्री को बुलाते हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उनकी मेमोरी खत्म हो गई है।
अरुण कुमार ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री से लेटर भी लिखा है और प्रधानमंत्री से कहा है कि बिहार को बचा लीजिए। राष्ट्रपति शासन लागू करिए क्योंकि बिहार के मुखिया का ही मेमोरी लॉस हो गया है।
प्रशांत किशोर ने कियाअरुण कुमार के बयान का समर्थन
प्रशांत किशोर ने भी अरुण कुमार के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।
अरुण कुमार ने कहा कि जिसने लालू यादव को चारा घोटाले में फसाने में मुंशी का काम किया था, अब वही मुंशी लालू यादव को बचाने का काम कर रहा है। वह जदयू को समाप्त करने और नीतीश कुमार को किनारे करने की तैयारी में है और अपना नेता लालू यादव को मान लिया है।
अरुण कुमार के इस बयान का समर्थन करते हुए प्रशांत किशोर के बयान ने भी इस मामले को और गंभीर बना दिया है। प्रशांत किशोर एक जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार हैं और उनकी बातों का राजनीतिक गलियारों में काफी महत्व है।
अरुण कुमार और प्रशांत किशोर के इन बयानों से यह स्पष्ट होता है कि नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। यदि यह दोनों नेता एक-दूसरे के खिलाफ होते हैं तो इससे बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आ सकता है।
प्रभाव
अरुण कुमार का बयान बिहार की राजनीति में भूचाल ला सकता है। इस बयान से नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच की खटास और भी बढ़ सकती है। इस बयान से जदयू में भी असंतोष बढ़ सकता है।